खाद्य एवं कृषि व्यवसाय हेतु प्रबंधन केंद्र (सीएफएएम) | भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ
IIM Lucknow

खाद्य एवं कृषि व्यवसाय हेतु प्रबंधन केंद्र (सीएफएएम)

शुरू से ही, आईआईएमएल का उद्देश्य ऐसे युवा ऊर्जावान प्रबंधक और उद्यमी विकसित करना था जिससे वाणिज्यिक और कृषि जैसे गैर-वाणिज्यिक क्षेत्रों में प्रदर्शन को बेहतर बनाया जा सके। इस प्रतिबद्धता को विशेष रूप से पूरा करने के मकसद से, संस्थान ने वर्ष 1998 में खाद्य एवं कृषि व्यवसाय हेतु प्रबंधन केंद्र (सीएफएएम) की स्थापना की। आज सीएफएएम, कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रबंधन क्षेत्र में एक वैश्विक स्तर के उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उभरकर सामने आया है। यह केंद्र खेती और व्यवसाय को एकसाथ जोड़कर, कृषि और अन्य ग्रामीण संसाधनों के पेशेवर प्रबंधन की गति बढ़ाने का प्रयास करता है।

खाद्य एवं कृषि व्यवसाय हेतु प्रबंधन केंद्र के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • युवा ऊर्जावान स्नातकों और उद्यमियों को तैयार करना, ताकि खाद्य और कृषि व्यवसाय क्षेत्र के कुशल प्रबंधन के लिए ज्ञान का सृजन किया जा सके;
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों तथा संगठनों एवं एजेंसियों के बीच प्रभावी संपर्क के माध्यम से क्षेत्र आधारित अनुसंधान द्वारा समर्थित उच्च स्तरीय व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना; और
  • कृषि और ग्रामीण प्रबंधन क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों को परामर्श प्रदान करना।

सीएफएएम की मुख्य गतिविधियां

शिक्षण

कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम) खाद्य एवं कृषि व्यवसाय क्षेत्र पर केंद्रित एक पूर्णकालिक दो वर्षीय आवासीय प्रबंधन शिक्षा कार्यक्रम है, जिसकी शुरुआत 2004-05 में हुई थी। यह कार्यक्रम छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों और अवसरों के प्रति जागरूक होने का एक मौका देता है। साथ ही, कृषि और फार्म सेक्टर से जुड़े विश्वविद्यालय और कॉलेज स्नातक भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।

हमारे पीजीपी-एबीएम कार्यक्रम में ये नवीन विशेषताएं हैं::

  • गैर-कृषि शैक्षिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्र पर आधारित एक बुनियादी पाठ्यक्रम।
  • पहले वर्ष में प्रबंधन के कार्यात्मक क्षेत्रों से जुड़े कई बुनियादी पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे और दूसरे वर्ष में कृषि/ग्रामीण से जुड़े विशिष्ट पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।
  • व्यावहारिक अनुभव और समस्या समाधान पर जोर देने के लिए व्यापक क्षेत्रीय परिचय।
  • अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम और उद्योग साझेदारी से वैश्विक बेंचमार्किंग।

कृषि-व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम)

कृषि-व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम) खाद्य एवं कृषि-व्यवसाय क्षेत्र पर केंद्रित एक पूर्णकालिक दो वर्षीय आवासीय प्रबंधन शिक्षा कार्यक्रम है। छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों और अवसरों से परिचित कराने के साथ ही, यह कार्यक्रम कृषि और फार्म सेक्टर से जुड़े विश्वविद्यालय और कॉलेज स्नातकों को भी इससे जुड़ने का मौका देता है।

नई विशेषताएं

  • गैर-कृषि शैक्षिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए चार सप्ताह का गहन बुनियाद ज्ञान प्रदान करने वाला कार्यक्रम ।
  • पहले वर्ष में प्रबंधन के कार्यात्मक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संख्या में बुनियादी पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे और दूसरे वर्ष में कृषि/ग्रामीण से जुड़े विशिष्ट पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।
  • व्यावहारिक अनुभव और समस्या समाधान पर जोर देने के लिए क्षेत्र का महत्वपूर्ण परिचय।
  • वैश्विक बेंचमार्किंग और उद्योग की साझेदारी।

अनुसंधान

सीएफएएम घरेलू और वैश्विक स्तर पर कृषि व्यवसाय और खाद्य उद्योग के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए मौलिक और नई अनुसंधान परियोजनाएं चला रहा है। केंद्र ने कृषि व्यवसाय और खाद्य क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं। इसने कई सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं की शुरुआत की है।

प्रशिक्षण

"नीतिगत और व्यावसायिक निर्णयों को नई दिशा देने के उद्देश्य से, यह केंद्र देश-विदेश से आए पेशेवरों के लिए सार्वजनिक और निजी—दोनों क्षेत्रों में विविध और उद्देश्यपूर्ण अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है। यहां उन्हें ऐसा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है जो उनके दृष्टिकोण और व्यावहारिक कौशल को सुदृढ़ता प्रदान करता है। कृषि-व्यवसाय और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में, विशेष रूप से एशियाई और अफ्रीकी देशों के प्रतिभागियों के लिए कई सफल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं।

परामर्श

परामर्श सेवाएं प्रदान करना इस केंद्र की प्रमुख गतिविधियों में से एक है। यह देश-विदेश में मौजूद विभिन्न वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक कृषि व्यवसाय और खाद्य संगठनों की समस्याओं को हल करने के लिए उन्हें अपनी परामर्श सेवाएं देता है। एबीएम ग्रामीण विपणन; कृषि व्यापार; जिंस व्यापार और वायदा बाजार; सूक्ष्म वित्त और सूक्ष्म ऋण; कृषि-व्यवसाय प्रबंधन शिक्षा; किसान और बाजार के संपर्क; आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निगरानी एवं मूल्यांकन और मौजूदा परियोजनाओं के प्रभाव के मूल्यांकन में परामर्श प्रदान करता है। इस केंद्र ने विश्व बैंक; आईसीएआर; कृषि मंत्रालय (भारत सरकार); विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (भारत सरकार); और कई राज्य सरकारों को परामर्श सेवाएं प्रदान की हैं।

इस केंद्र ने इन परियोजनाओं से जुड़े परामर्श कार्यों की जिम्मेदारी संभाली है:

  • उत्तर प्रदेश की विविध कृषि सहायता परियोजना (डीएसएपी-यूपी)।
  • विविध कृषि सहायता परियोजना – उत्तरांचल – डीएसएपी-यूपी।
  • राष्ट्रीय कृषि प्रौद्योगिकी परियोजना (एनएटीपी), आईसीएआर।
  • जम्मू और कश्मीर राज्य में एकीकृत वाटरशेड विकास परियोजना (आईडब्ल्यूडीपी-II)।
  • असम राज्य में असम ग्रामीण अवसंरचना और कृषि सहायता परियोजना (एएसआईएएसपी)।
  • राष्ट्रीय कृषि नवाचार परियोजना (एनएआईपी), आईसीएआर
  • प्रो. संजीव कपूर,
    अध्यक्ष, खाद्य एवं कृषि व्यवसाय प्रबंधन केंद्र
    +91-522-2736621
    sanjeev[at]iiml[dot]ac[dot]in