प्रबंधन में फेलों कार्यक्रम (एफपीएम) वर्ष 2000-01 में जारी का गया। यह भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ का एक डॉक्टरेट स्तर का कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है जो अपने शोध प्रतिभा को उन्नत और शिक्षण कौशल विकसित करने की इच्छा रखते हैं।
इस कार्यक्रम को प्रबंधन में अंतःविषय शिक्षा और शोध के लिए एक अवसर प्रदान करके, उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और प्रबंधन विचारकों का उत्पादन करने के लिए तैयार किया गया है। संस्थान का उच्च शैक्षणिक वातावरण विद्वानों को अपनी बुद्धिमत्ता को विकसित करने और तीक्ष्ण करने में मदद करता है। एफपीएम पाठ्यक्रम की अनूठी शिक्षाणविधि और कार्यक्रम संरचना व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए समृद्ध वातावरण प्रदान करती है।
डॉक्टरेट कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक उत्कृष्ट अकादमिक पृष्ठभूमि, उच्च प्रेरणा, अनुशासन और उत्कृष्ट शोधकर्ता बनने की क्षमता से युक्त विद्यार्थियों को प्रवेश प्रदान करता है। शोध विद्वानों को सामाजिक विज्ञान तथा मानविकी से लेकर भौतिक विज्ञान और अभियांत्रिकी जैसेविविध विषयों से जुड़ने की आशा की जाती है।
सुदृढ़ शैक्षणिक कार्यक्रम के माध्यम से, विद्वान कार्य क्षेत्र के बुनियादी सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी के माध्यम से नौ अनुसंधान क्षेत्रों में से एक का हिस्सा बन जाते हैं। इस तरह की गतिविधि संकाय सदस्यों के साथ घनिष्ठ संपर्क की अनुमति देती है, जो बौद्धिक स्फूर्ति प्रदान करती है और विद्वानों के शोध हितों और पेशेवर लक्ष्यों को विकसित करने में मदद करते हैं।

कार्यक्रम के लिए उम्मीदवार के पास भारत में केंद्रीय या राज्य विधायिका के अधिनियम या संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान या अन्य शैक्षणिक संस्थान जिसे संसद के किसी अधिनियम द्वारा या यूजीसी अधिनियम, 1956 के 3के तहत डीम्डविश्वविद्यालय के रूप में घोषित या मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्राप्त समकक्ष योग्यता या एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थान से समकक्ष योग्यता धारक हो।
न्यूनतम 55% कुल अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर डिग्री या इसके समकक्ष या 60% अंकों के साथ इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री या समकक्ष ग्रेड बिंदु औसत, या न्यूनतम 55% कुल अंकों के साथ सीए, आईसीडब्ल्यूए और सीएस जैसी कोई पेशेवर योग्यता।
इसके अलावा, सभी उम्मीदवारों को माध्यमिक स्तर के साथ शुरू होने वाली सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करने चाहिए। उद्योग या शिक्षण जगत में कार्य अनुभव को, हालांकि अनिवार्य नहीं है, चयन प्रक्रिया में उचित श्रेय दिया जाएगा।
क्रम संख्या | विषय | डाउनलोड |
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1. | “एफपीएम प्रवेश – 2019” साक्षात्कार के लिए बुलाए गए चयनित उम्मीदवारों की सूची साइज: 334 केबी | भाषा: अंग्रेजी | अद्यतन दिनांक: 25/03/2019 | देखने के लिए यहां क्लिक करें |
2. | “एफपीएम प्रवेश – 2019” साक्षात्कार के लिए बुलाए गए चयनित उम्मीदवारों की सूची साइज: 219 केबी | भाषा: अंग्रेजी | अद्यतन दिनांक: 14/03/2019 | देखने के लिए यहां क्लिक करें |
फेलो कार्यक्रम के लिए आदर्श आवेदक वे होते हैंजिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि सुदृढ़ हो।प्राथमिक तौर पर पेशेवर अनुभवी और प्रबंधन में छात्रवृत्ति के लिए बौद्धिक जिज्ञासा तथा अनुशासन आवश्यक है।
कार्यक्रम के लिए आवेदक के पास भारत में केंद्र या राज्य विधानमंडल के एक अधिनियम या संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित अन्य शैक्षणिक संस्थानों द्वारा शामिल किए गए विश्वविद्यालयों में से किसी एक से प्राप्त की जाने वाली निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए या उन्हें यूजीसी अधिनियम, 1956 के 3धारा के तहत विश्वविद्यालय के रूप में समझा जाना चाहिए, या मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष योग्यता या एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थान से समकक्ष योग्यता धारक हों।
न्यूनतम 55% कुल अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर डिग्री या इसके समकक्ष
या
60% अंकों या समकक्ष ग्रेड पॉइंट औसत के साथ इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री
या
न्यूनतम 55% कुल अंकों के साथ कोई भी व्यावसायिक शिक्षा जैसे कि सीए, आईसीडब्ल्यूए और सीएस।
इसके अतिरिक्त, सभी आवेदकों को माध्यमिक स्तर से शुरू होने वाली सभी सार्वजनिक परीक्षाओं में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करने चाहिए। उद्योग या शिक्षा जगत में कार्य अनुभव को, हालांकि अनिवार्य नहीं है, चयन प्रक्रिया में उचित श्रेय दिया जाएगा। पूर्णकालिक कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यानुभव या संगठन के रूप में या एक संगठन/संस्थान (एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित) में प्रबंधन शिक्षक के रूप में कार्य अनुभव को केवल वैध कार्यानुभव माना जाता है।
वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में अपनी अंतिम वर्ष की परीक्षा देने परीक्षार्थी भी आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, कार्यक्रम में उनका प्रवेश 30 जून 2018 से पहले संबंधित डिग्री प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यकताओं के सफल समापन के लिए अनंतिम विषय होगा।
हालांकि, कृषि-व्यवसाय प्रबंधन में विशेषज्ञता के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड है
कृषि-व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर या इसके समकक्ष या न्यूनतम 55% कुल अंकों के साथ कृषि और संबद्ध विज्ञान के किसी भी विषय में डिग्री।
या
कृषि / खाद्य / जैवप्रोद्योगिकी और प्रयुक्त अभियांत्रिकी में 60% अंकों या समकक्ष ग्रेड प्वाइंट औसत आयु सीमा के साथ स्नातक की डिग्री।
दिनांक: 30 जून 2018 तक आवेदक की आयु 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
उपर्युक्त पात्रता मानदंड को पूरा करने वाले आवेदकों को भाप्रसं. द्वारा आयोजित सामान्य प्रवेश परीक्षा (कैट)में शामिल होना आवश्यक है। वैकल्पिक रूप से, जिनके पास वैध गेट / जीआरई / जीमैट या जेआरएफ / एसआरएफ (यूजीसी / सीएसआईआर / आईसीएआर) स्कोर / प्रमाण पत्र है, वे भी विशेषज्ञता के संबंधित क्षेत्र में आवेदन कर सकते हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान (01 जनवरी, 2016 को या उसके बाद) दी गई कैट सहित इनमें से किसी भी परीक्षा के अंकों को वैध माना जाएगा।
आवेदक पहले से ही एक आईआईएम / डब्ल्यूएमपी, आईआईएम लखनऊ के किसी भी एक / दो / तीन वर्ष के पूर्णकालिक कक्षाएं ले चुकें तथा 10 अंकों के पैमाने पर 6 के न्यूनतम सीजीपीए या 4.0 बिंदु पैमाने पर एक समकक्ष3.0 के साथ ग्रेड ‘बी’को ऊपर सूचीबद्ध परीक्षा में से एक लेने से छूट दी गई है, और सीधे निर्धारित आवेदन पत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। ऐसे आवेदक प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम कार्य की छूट पाने के लिए भी पात्र हैं और सीधे कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में शामिल हो सकते हैं।
आवेदकों को उनके अकादमिक रिकॉर्ड के आधार पर सूचीबद्ध किया गया है और उपरोक्त प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदर्शन अप्रैल 2018 में अंतिम चयन के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए लखनऊ बुलाया जाएगा और सफल आवेदकों को मई 2018 के मध्य तक प्रस्ताव प्राप्त होंगे।
कार्यक्रम में प्रवेश, प्रवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों सहित विदेशी आवेदकों के लिए खुला है। उनका प्रवेश पिछले एक वर्ष के भीतर प्राप्त जीमैट / जीआरई अंकों के आधार पर होगा।
**पुनरीक्षण के तहत
एफपीएम एक पूर्णकालिक आवासीय कार्यक्रम है। छात्रों को चार वर्ष और छह महीने में कार्यक्रम पूरा करने की आशा की जाती है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में और दो वर्षों का विस्तार दिया जा सकता है। छात्रों ने अपने पहले दो वर्ष कार्यक्रम कार्य के लिए और पिछले दो साल छह महीने शोध और थीसिस की तैयारी के लिए बिताते हैं।
परिसर स्थित छात्रावास की सुविधा विवाहित छात्रों को उनके परिवार (पति / पत्नी और बच्चों) के साथ रहने के लिए उपलब्ध है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए यहां क्लिक करें।
कार्यक्रम के पहले वर्ष के दौरान विद्वान, प्रबंधन और सामान्य प्रबंधन के अनुशासन और कार्यात्मक क्षेत्रों का ज्ञान प्राप्त करते हैं। एफपीएम विद्वान, विशेषज्ञता के अपने क्षेत्र के अलावा पहले वर्ष में पाठ्यक्रम के एक अनिवार्य सेट का चयन करते हैं। पहले वर्ष के अंत मेंविद्वान अपने अकादमिक सलाहकार के मार्गदर्शन में ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट/ ग्रीष्मकालीन शोध करते हैं।
एफपीएम विद्वान जो पहले से ही भाप्रसं. लखनऊ के किसी भी आईआईएम / डब्ल्यूएमपी में से किसी एक से, एक/ दो / तीन / वर्ष के पूर्णकालिक कक्षा आधारित पीजीडीएम कर चुके हैं,न्यूनतम 10 अंकों के पैमाने पर 6 के न्यूनतम सीजीपीएके साथ या 4.0 के बराबर पैमाने पर 3.0 तथाग्रेड `बी'लेटर के समतुल्य योग्यता रखते हों, ऐसे विद्यार्थियों को ग्रीष्मकालीन कार्य सहित प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम कार्य से छूट दी जाएगी और सीधे द्वितीय वर्ष में प्रवेश दिया जाएगा (इसके लिए इन्हें 'छूट प्राप्त विद्वान'कहा जाएगा)।
हालांकि, संवेदनशील क्षेत्र में छूट प्राप्त वर्ग में एफपीएम उम्मीदवारों के लिए अतिरिक्त प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम के लिए अनुशंसा की जा सकती है, यदि क्षेत्र के सदस्यों को लगता है कि उम्मीदवार को मुख्य अनुशासन में अतिरिक्त आदान की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के दूसरे वर्ष के दौरान विद्वान विशेषज्ञता और संबंधित क्षेत्रों के क्षेत्र में गहन ज्ञान प्राप्त करते हैं। इसके अलावाविद्वान, एफपीएम के अनिवार्य पाठ्यक्रम अपनाते हैं, जो विशेष रूप से शिक्षण और शोधकौशल प्रदान करने और एकीकृत शिक्षणविकसित करने के लिए तैयार किया गया है। कार्यक्रम के दूसरे वर्ष के दौरान, विद्वानों को कार्य हेतुएक शोध विषय का चयन करना होता है जिस पर बाद में उन्हें अपने शोध प्रस्ताव को तैयार करने के लिए आधार प्राप्त हो सकता है।
शोध का प्रथम वर्ष पूर्ण होने के बादविद्वानों को दो महीने के ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप से गुजरना पड़ता है, जिसमें अकादमिक सलाहकार के परामर्श में आवश्यक समझे जाने पर एक अकादमिक सलाहकार या शोध क्षेत्र से संबंधित बाहरी इंटर्नशिप के तहत परिसर में निर्देशित शोध कार्य शामिल होता हैं।
विद्वानों को अनिवार्य शोध निबंध (2 क्रेडिट) तैयार करना होगा। शोध प्रबंध के विद्वान सलाहकार एफपीएम कार्यालय के परामर्श से शोध प्रबंध प्रस्तुति कार्यक्रम निर्धारित करेंगे। पाठ्यक्रम का कार्य पूर्व सुझाव की तरह सामान्य व्यापक परीक्षा के साथ समाप्त हो जाएगा। पाठ्यक्रम कार्य पूरा होने के बाद विद्वान नियमित विद्वानों के सुझाव के अनुसार थीसिस कार्य मॉडल का पालन करेंगे।
द्वितीय वर्षीय पाठ्यक्रम कार्य पूर्ण होने पर, जिसमें शोध कार्य शामिल है, विद्वान व्यापक परीक्षा में शामिल होते हैं। 2 वर्ष के अंत में व्यापक परीक्षा, परीक्षण करती है कि क्या विद्वान ने अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में ज्ञान का संतोषजनक स्तर प्राप्त किया है या नहीं और क्या अपने क्षेत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों को संतोषजनक ढंग से एकीकृत किया गया है या नहीं।
विस्तृत परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उम्मीदवार थीसिस लेखन चरण में प्रवेश करते हैं। उम्मीदवार पहले एक थीसिस प्रस्ताव विकसित करता है, जिसके लिए वह एक शोध विषय की पहचान करते हैं, थीसिस सलाहकार समिति (टीएसी) के सदस्यों की पहचान करते हैं, आईआईएमएल शैक्षणिक समुदाय को थीसिस प्रस्ताव पर एक संगोष्ठी आयोजित करता है, और थीसिस प्रस्ताव को अनुमोदित किया जाता है।
थीसिस प्रस्ताव के अनुमोदन पर, उम्मीदवार टीएसी के साथ अपने थीसिस कार्य पर बारीकी से काम करता है। थीसिस कार्य पूरा होने पर, उम्मीदवार थीसिस को प्रस्तुत करता है और उस का बचाव करता है। बचाव थीसिस के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करती है।
- कार्यक्रम में भर्ती होने वाले सभी निवासी भारतीय विद्वानों को साढ़े चार वर्षों तक छात्रवृत्ति भत्ता दिया जाता है।
- विद्वानों को प्रथमऔर द्वितीय वर्ष के दौरान प्रति माह रु.25,000/- रु. की छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता है। विद्वान को दिया जाने वाला यह भत्ता, दूसरे वर्ष के अंत में व्यापक परीक्षा सफलता पूर्वक पूरा होने तक जारी रहता है।
- कार्यक्रम की बाकी अवधि के लिए (अर्थात तीसरे वर्ष से) रु.30,000/- की छात्रवृत्ति तृतीय वर्ष में व्यापक परीक्षा के सफल समापन के बाद प्रति माह प्रदान की जाएगी।
- कार्यक्रम में प्रवेश पाने वाले सभी निवासी भारतीय विद्वानों को साढ़े चार वर्ष तक आकस्मिक भत्ता दिया जाता है।
- रु.10,000/- का आकस्मिक अनुदान प्रथम और द्वितीय वर्ष में प्रति वर्ष, तथा कार्यक्रम के तृतीय और चतुर्थ वर्ष के दौरान रु.15,000/- प्रति वर्ष, यह अनुदान पुस्तक, स्टेशनरी, कंप्यूटर हार्डवेयर / सॉफ्टवेयर आदि की खरीद के लिए उपलब्ध होगा।
- एक बार का कंप्यूटर खरीद अनुदान रु.50,000/-जिसे पाठ्यक्रम कार्य के अंत से पहले लिया जा सकता है।
कुल संयुक्त यात्रा अनुदान / सम्मेलन पंजीकरण अनुदान राशिरु.1,40,000/- (i) थीसिस प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए, (ii) तृतीय और चतुर्थ वर्ष में अधिकतम एक घरेलू सम्मेलन में भाग लेने के लिए रु.10,000/- का अतिरिक्त यात्रा अनुदान, घरेलू डॉक्टरल कंसोर्टियम या इंटर-आईआईएम डॉक्टरेट कंसोर्टियम/कंसोर्टियाप्रस्तावित वार्षिक आईआईएम / आईआईएससी / आईजीआईडीआर द्वारा आयोजित डॉक्टरेट कंसोर्टियम में भाग लेने के लिए तृतीय या चतुर्थ वर्ष हेतु प्रदान किया जाता है।
- तृतीय और चतुर्थ वर्ष के दौरान केवल एक राष्ट्रीय और केवल एक अंतरराष्ट्रीय प्रोफेशनल सोसाइटीकी वार्षिक सदस्यता शुल्क (विद्वान / छात्र दर) की प्रतिपूर्ति।
- तृतीय और चतुर्थ वर्ष के दौरान केस-लेखन और क्षेत्र आधारित शोध के लिए यात्रा / बोर्डिंग / लॉजिंग और स्थानीय आवागमन व्ययकी प्रतिपूर्ति, अधिकतम रु.50,000/- के अधीन।
- संस्थान विवाहित एफपीएम विद्वानों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं भी प्रदान करता है, जिनके परिवार परिसर में रहते हैं। इसमें पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति शामिल है। । उम्मीदवार व उसके पति/पत्नी और दो पाल्य के लिए संस्थान की ओर से रु.100,000/- का संयुक्त स्वास्थ्य बीमा कवरप्रस्तावित की जा रही है। रु.100,000/-के देय प्रीमियम कवर की प्रतिपूर्ति की जाती है।
इनके अलावा, उन्हें शुल्क से छूट दी गई है, बशर्ते कि नि:शुल्क छात्रावास आवास उपलब्ध हो। परिसर छात्रावास सुविधा विवाहित विद्वानों के परिवार (पति / पत्नी और पाल्य) के साथ रहने के लिए उपलब्ध है।
क्रम संख्या | विद्वानों के नाम | क्षेत्र |
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प्रथम वर्ष | ||
1 | अभिषेक कुमार | एफ एंड ए |
2 | अनामिका | एफ एंड ए |
3 | अंशुल अग्रवाल | बीई |
4 | धीरज बाबरिया | ओएम |
5 | गुनिन्दर पी सिंह | मार्केटिंग |
6 | गुरमीत सिंह | ओम |
7 | महवदी डीवीएस | ओम |
8 | नीरज सिंह | एबीएम |
9 | राजेश जैन | एसएम |
10 | सौम्या रस्तोगी | मार्केटिंग |
11 | स्वपन दीप अरोरा | मार्केटिंग |
12 | विधिका सक्सेना | एफ एंड ए |
13 | विक्रम चौधरी | मार्केटिंग |
14 | विवेक एन शर्मा | डीएसजी |
द्वितीय वर्ष | ||
1 | आशीष दीक्षित | ओएम |
2 | अखिल प्रकाश | एचआरएम |
3 | अंबिका घई | आईटी एंड एस |
4 | अंशुल सिन्हा | बीई |
5 | अविनाश जैन | मार्केटिंग |
6 | अविनाश कुमार | मार्केटिंग |
7 | आयुषी गंगवार | मार्केटिंग |
8 | चारु नैथानि | आईटी एंड एस |
9 | दीपक वर्मा | मार्केटिंग |
10 | देवांग वी पगारे | ओएम |
11 | ईशिका अग्रवाल | डीएसजी |
12 | गार्गी रावत | मार्केटिंग |
13 | जागृति अरोड़ा | एफ एंड ए |
14 | जय कमल | बीई |
15 | कल्पित शर्मा | आईटी एंड एस |
16 | कर्णिका बैन्स | मार्केटिंग |
17 | कृति सक्सेना | एफ एंड ए |
18 | निशांत एंबस्त | मार्केटिंग |
19 | निशित के सिन्हा | एचआरएम |
20 | पिनाखि सुवादर्शनी | ओएम |
21 | प्रशांत पोद्दार | बीई |
22 | सौरभ मित्तल | मार्केटिंग |
23 | सुजित एस महराणा | एचआरएम |
24 | विनोद ठाकुर | एसएम |
तृतीय वर्ष | ||
1 | अभिनव त्रिपथि | एफ एंड ए |
2 | आकांक्षा बत्रा | मार्केटिंग |
3 | अमित करमचंदानी | ओएम |
4 | अंकित | एचआरएम |
5 | अंकित शर्मा | ओएम |
6 | भावना प्रिया | ओएम |
7 | देबस्मिता डे | आईटी एंड एस |
8 | दिव्या मिश्रा | एसएम |
9 | जय शंकर सिंह | आईटी एंड एस |
10 | कृति चतुर्वेदी | एसएम |
11 | मोहित मल्हान | मार्केटिंग |
12 | रवी खदोतरा | एफ एंड ए |
13 | सुवब्रता चक्रबोर्ती | ओएम |
14 | सौरव प्रसादरौनियार | एबीएम |
15 | सुशांत भार्गव | एचआरएम |
चतुर्थ वर्ष | ||
1 | अमित प्रकाश झा | बीई |
2 | अंकुर दहिया | आईटी एंड एस |
3 | अंकुर झा | मार्केटिंग |
4 | देवव्रत भादुड़ी | एफ एंड ए |
5 | दिव्या त्रिपथि | एचआरएम |
6 | मंजोत भाटिया | ओएम |
7 | पद्मा त्रिपथि | एचआरएम |
8 | सौम्या वैथिनाथन | ओएम |
9 | उदयन | एफ एंड ए |
10 | वैभव लालवानी | एफ एंड ए |
11 | वेदप्रकाश एम | एफ एंड ए |
पंचम वर्ष | ||
1 | अचिंत निगम | मार्केटिंग |
2 | अलोक राज | ओम |
3 | अमित मित्तल | एफ एंड ए |
4 | अंकिता मिश्रा | मार्केटिंग |
5 | अरुणिमा शाह | मार्केटिंग |
6 | बैद्यनाथ बिस्वास | आईटी और एस |
7 | कृति कृष्णा | मार्केटिंग |
8 | मधु मंडल | मार्केटिंग |
9 | मोहम्मद फवाद | एस.एम. |
10 | प्रशांत वेंकटेश्वरन | ओएम |
11 | रोहित गुप्ता | ओएम |
12 | रूपिका खन्ना | बीई |
13 | शलभ सिंह | डीएसजी |
14 | शौनक पाल | आईटी एंड एस |
15 | वच्छरजनी मित चंद्रेश | एचआरएम |
सामग्री शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।
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श्री आशीष कुमार
प्रशासनिक अधिकारी, एफपीएम+91-522-2736762
+91-522-6696762fpmoffice[at]iiml[dot]ac[dot]in -
प्रो. राजेश के. ऐथल
अध्यक्ष, एफपीएम+91-522-6696668 fpmchair[at]iiml[dot]ac[dot]in
-
भारतीय प्रबन्ध संस्थान प्रबंध नगर, आईआईएम रोड, लखनऊ-226013
उत्तर प्रदेश, भारतपरिसर ईपीएबीएक्स:
संचालक को प्रत्यक्ष – 2734101
ऑपरेटर द्वारा – 2734111 – 20, रिलायंस – 3044980-892745397 , 2746437 (नगर कार्यालय),
फैक्स : 2734005 (निदेशक का.); 2734025 (सामान्य); 2734033 (प्लेसमेंट);
2734026 (मडीपी); 2734004 (प्रवेश); 2734027(सीएफएएम)
आईएसडी कोड : 91
एसटीडी कोड : 522