इतिहास एवं उपलब्धियां | भारतीय प्रबंध संस्थान लखनऊ

इतिहास एवं उपलब्धियां

भारतीय प्रबन्ध संस्थान, लखनऊ प्रतिष्ठित भारतीय प्रबन्ध संस्थानों के परिवार से जुड़े प्रबन्ध स्कूलों के स्थापना क्रम में चौथे स्थान पर है। सबसे पहले स्थापित प्रबन्ध संस्थान क्रमशः भारतीय प्रबन्ध संस्थान, कलकत्ता; भारतीय प्रबन्ध संस्थान, अहमदाबाद एवं भारतीय प्रबन्ध संस्थान, बेंगलोर हैं। आईआईएम संस्थानों की परिकल्पना एवं पहल भारत के प्रथम माननीय प्रधानमंत्री - पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी।

संस्थान की स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। प्रारंभ से आईआईएमएल ने अपने संकाय, पूर्व छात्रों और सहायक कर्मचारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को स्पर्श किया है। आईआईएमएल ने अपने छात्रों को आदर्श नेतृत्वकर्ताओं, प्रबंधकों और वैश्विक प्रभाव वाले वृत्तिकों के रूप में विकसित करने का कार्य किया है। संस्थान प्रबंधन ज्ञान एवं अभ्यास के सृजन, प्रसार तथा प्रयोग के उद्देश्य से शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ी विस्तृत श्रृंखला के संचालन संबंधी उत्तरादायित्व का वहन करता है।

वर्ष 2005 में, आईआईएम लखनऊ ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र, नोएडा में कार्यकारी शिक्षा के लिए विशेष रूप से दूरस्थ (सेटेलाइट) परिसर की स्थापना की। इस प्रकार के प्रथम स्थापक के रूप में संस्थान ने प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र का सार्थक विस्तार भी किया है।

सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध शहर में स्थित, संस्थान का परिसर 1 9 0 एकड़ से अधिक लुभावने लैंडस्केप क्षेत्र में फैला हुआ है। "तहजीब" के शहर में स्थित होने के कारण आईआईएम लखनऊ भी छात्र/छात्राओं में मानवीय मूल्यों एवं व्यवसायिक नैतिकता को विकसित करता है जिससे वें राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ वैश्विक मंच पर भी सकारात्मक प्रभाव डालने में सहयोग कर सकें। आईआईएम लखनऊ शिक्षण, पहुंच एवं उत्कृष्टता संचालक एक आदर्श व्यवस्था है।